नर्स बहने कोई फ़रिशतों से कम नहीं, जिन्होंने सीखा दिये इंसानियत के मायने

नर्स बहने कोई फ़रिशतों से कम नहीं, जिन्होंने सीखा दिये इंसानियत के मायने


जब इंसान की उम्र ढलने लग जाती है तब इंसान का बचपन वापिस आने लग जाता है।उसे कुछ समझ नही आता उसके साथ क्या हो रहा है ऐसा ही वाक्या हिमाचल प्रदेश के  राम स्वरूप  ,गाँव पंजोथ  के साथ हुआ जिनके सिर में  कीड़ो ने ऐसा घर बना दिया जो जाने का नाम नही ले रहे थे वृद्ध आदमी को जब 108 नंबर एंबुलैंस में सिविल अस्पताल बड़सर लाया गया ।



जुओं से भरी दाड़ी,सर पर पुराना जख्म,बदबू के कारण कोई भी सहायता नहीं कर रहा था । परन्तु सिविल अस्पताल की इन नर्सो ने इंसानियत दिखाते हुए इनकी दाढी और बाल काटकर दवाई का लिक्विड लगाया तो कीड़ो के गुच्छे बाहर आने लगे।



उन्होंने कीड़ों को निकालकर जख्म साफ किया और नहलाकर पट्टी की,वहा के DR. RAKESH ने उनके लिए कपड़ो और भोजन का प्रबंध किया और अस्पताल में ले जाकर दाखिल करवाया ।



उनको सिविल अस्पताल बडसर हमीरपुर में दाखिल किया गया है,उनके साथ कोई परिवारिक सदस्य न होने के कारण उनकी देख रेख यह नर्स ही कर रहीं हैं..।।
दिल से सलाम इन बहनों को और इनकी इंसानियत को🙏
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