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गलती से पाकिस्तान की सीमा में जाने वाले जवान ने किया सेना छोड़ने का ऐलान, कहा- मुझे शक की नजर से देखा जाता है

चव्हाण को पाकिस्तानी रेंजर्स ने करीब चार महीने तक अपने कब्जे में रखा और बेरहमी से पीटा एवं यातना दी और मरणासन्न हालत में भारत को सौंपा था
साल 2016 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में जाने वाले जवान चंदू चव्हाण ने सेना पर लगातार उसका उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस्तीफा देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जब से मैं पाकिस्तान से लौटा हूं लगातार सेना की ओर से उत्पीड़न किया जा रहा है और मुझे संदिग्ध दृष्टि से देखा जाता है, इसलिए मैंने सेना छोड़ने का फैसला किया है.'

उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया कि चव्हाण ने अपना त्याग पत्र अहमनगर स्थित सैन्य टुकड़ी के कमांडर को भेज दिया है. चव्हाण को पाकिस्तानी रेंजर्स ने करीब चार महीने तक अपने कब्जे में रखा और बेरहमी से पीटा एवं यातना दी और मरणासन्न हालत में भारत को सौंपा था.
पिछले महीने चव्हाण सड़क हादसे में घायल हो गए थे. उनके चेहरे और खोपड़ी में गंभीर चोटें आई हैं. चार दांत भी टूट गए हैं. भौंह, ओंठ पर भी चोटें आई है और अभी भी वह अस्पताल में भर्ती है. यह हादसा सड़क पर गड्ढे की वजह से तब हुआ जब वह मोटरसाइकिल से अपने गृहनगर बोहरीवीर जा रहे थे. हेलमेट नहीं पहने होने की वजह से अधिक चोटें आईं.

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Cryptocurrency Ban: भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर 10 साल की जेल

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे आप देख नहीं सकते। आसान शब्दों में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धांधली को लेकर आप शिकायत नहीं कर सकते, क्योंकि यह किसी देश के कानून के दायरे में नहीं आता। इसका इस्तेमाल भी डिजिटल दुनिया में ही होता है।


यदि आप भी उनलोगों में से एक हैं जो भारत में डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी को सरकारी से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे थे तो आपके लिए बड़ी खबर है। देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने की उम्मीद अब खत्म ही हो गई है। दरअसल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 (Banning of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019) के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी।
ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंगी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने पर 10 साल की जेल होगी। 

क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 से तमाम क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों को झटरा लगा है जो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काम कर रही हैं। बता दें कि इस बिल को ड्राफ्ट करने वाले पैनल के अध्यक्ष इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्र कर रहे हैं। इस पैनल में सेबी भी शामिल है। पैनल के द्वारा दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी में डीलिंग गैर-जमानती माना जाएगा, हालांकि इस पैनल ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का सुझाव भी दिया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें दावा किया गया था कि फेसबुक खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा यह भी खबर थी कि व्हाट्सऐप के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी जल्द ही लॉन्च होने वाला है।
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नपुंसक दूल्हे ने सुहागरात के दिन अपने दोस्त को भेज दिया दुल्हन के पास,दुल्हन ने किया संबंध बनाने से इनकार



उत्तर प्रदेश लिसाड़ी गेट की आशियाना कॉलोनी में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। शादी के बाद सुहागरात को नपुंसक पति ने अपनी पत्नी के कमरे में अपने दोस्त को भेज दिया। जब दुल्हन को पता चला तो पति ने दुल्हन पर उसके दोस्त के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। ऐसा इसलिए किया ताकि उसका नपुंसक होने का पता न चले सके। दुल्हन ने विरोध किया और परिजनों को जानकारी दी। दुल्हन के मायके वाले पहुंचे तो पंचायत बैठी और घंटों तक विवाद चला। आखिरकार दो लाख रुपये और सामान वापस लौटाने के बाद पंचायत ने दोनों का तलाक करा दिया।

लिसाड़ी गेट के बांसों वाली गली निवासी एक युवती का निकाह 10 नवंबर को आशियाना कालोनी में हुआ था। युवक का परिवार काफी धनी है दूल्हन के पास दूल्हे ने अपने एक दोस्त को भेज दिया। इस दौरान दुल्हन के सामने भेद खुल गया और उसने विरोध किया। दूल्हे ने पत्नी पर दबाव बनाया कि वो दोस्त के साथ संबंध बना ले। इस दौरान राज फाश हुआ कि दूल्हा नपुंसक है। इसकी जानकारी दुल्हन ने अपने परिजनों को घर पहुंचकर दी। दूल्हा और उसके परिवार के आठ सदस्य दुल्हन को विदा कराने बांसों वाली गली पहुंचे थे। दुल्हन के परिजनों और रिश्तेदारों ने इसी दौरान दूल्हे समेत परिजनों को बंधक बना लिया। इसके बाद बिरादरी के लोगों को बुला लिया और पूरा मामला पंचों के सामने रखा। 


पंचायत ने गंभीरता से लिया फैसला


पंचायत में दोनों पक्षों की बात सुनी गई। साफ हो गया कि युवक ने पत्नी के पास अपने दोस्त को भेजा था। इसके बाद पंचों ने निकाह में खर्च किए गए दो लाख रुपये की रकम, सामान और जेवरात लौटाने का फरमान सुनाया। रात करीब नौ बजे सारा सामान वापस वहीं दुल्हन के घर पर लाया गया। इसके बाद पंचायत ने दोनों का तलाक कराया। रात करीब 10.30 बजे तक पंचायत चली। 


पंचायत के फैसले को किया मंजूर पुलिस लोटी वापिस


इस प्रकरण की सूचना कुछ लोगों ने पुलिस को भी दी थी। यूपी 100 की गाड़ी भी पहुंची थी। हालांकि पंचायत के लोगों ने पुलिस को पूरा मामला बताया और कहा कि मामला पारिवारिक है। पंचायत ही फैसला करा रही है। इसके बाद यूपी 100 की गाड़ी लेकर पुलिसकर्मी वापस लौट गए। रात को फैसला होने के बाद दूल्हा और उसके परिजनों को छोड़ दिया गया।

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शिक्षक ने स्कूल बाथरूम में किया छात्रा के साथ दुष्कर्म,पुलिस कर रही छानबीन मामला दर्ज





ऊना :- जिला ऊना के अम्‍ब में एक स्कूल में जमा दो की छात्रा ने स्कूल के ही अध्यापक पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पुलिस को दी शिकायत में कहा कि स्कूल के आइटी अध्यापक ने बाथरूम में उसके साथ दुराचार किया। इस संबंध में उसने स्कूल प्रबंधन को भी बताया था लेकिन उन्होंने आरोपित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।



छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपित ने उसे धमकी दी थी कि अगर वह किसी को बताएगी तो उसे जान से मार देगा। छात्रा ने इस संबंध में परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद परिजन बेटी के साथ अम्ब पुलिस स्टेशन पहुंचे। महिला पुलिस थाना ऊना को सूचित किया गया। शिकायत पर छानबीन के बाद देर रात पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है।
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सोलन,परवाणु फोरलेन से चण्डीगढ़ दिल्ली जाने की सोच रहे हैं तो रुक जाएं या रुट बदल लें, 15 जून तक लगेगा 3 से 5 घंटे का जाम


सोलन परमाणु तक चल रहे फोरलेन निर्माण के कारण अब 15 जून तक लगातार जाम लगेगा मंगलवार को भी जाबली पंचायत के सनावड़ा गांव के समीप लोगों को 2 घंटे जाम से जूझना पड़ा  पुर फोरलेन पर पहाड़ी की कटाई का काम चल रहा है इसके लिए सड़क निर्माण कंपनी ग्रिल द्वारा प्रशासन को 15 जून तक इसी प्रकार वाहनों को रोकने की सूचना दी गई है



जानकारी के अनुसार शनिवार व रविवार के दिन तथा अन्य दिनों के पीक आवर्स में इस साइट के साथ वाहनों को नहीं रोका जाएगा। सड़क के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दिन में 3 से 4 बार सड़क पर वाहनों की आवाजाही को करीब 5 घंटे के लिए पूरी तरह बंद किया जाएगा। कंपनी के प्रोजैक्ट इंचार्ज राजीव पठानिया ने कहा कि सनवारा के समीप बड़ी चट्टानों के फंसने व सुरक्षा के मद्देनजर ट्रैफिक को रोका जा रहा है। काम के पूरा होने में 15 जून तक का समय लग सकता है।
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पत्नी बोली पहले घर मेरे नाम करो तभी जाएगी अन्तिम संस्कार के लिए पति की अर्थी


हरियाणा के पानीपत में पति की अर्थी उठने से पहले ही मकान को लेकर पत्नी ने हंगामा खड़ा कर दिया. पत्नी की जिद के आगे झुककर परिजनों को शव का अंतिम संस्कार छोड़कर मकान की रजिष्ट्री कराने के लिए तहसील जाना पड़ गया.हरियाणा के पानीपत में पति की अर्थी उठने से पहले ही मकान को लेकर पत्नी ने हंगामा खड़ा कर दिया. पत्नी की जिद के आगे झुककर परिजनों को शव का अंतिम संस्कार छोड़कर मकान की रजिष्ट्री कराने के लिए तहसील जाना पड़ गया. 
पति बालकिशन की मृत्यु के बाद पत्नी ने परिजनों के आगे यह शर्त रख दिया कि शव यात्रा से पहले मकान मेरे नाम लिख दो, अन्यथा वह अर्थी नहीं उठने देगी. दो घंटे की बहस के बाद परिजन पत्नी के नाम घर करने के लिए तैयार हो गए और तहसील जाकर परिवार के सभी सदस्यों ने कागज हस्ताक्षर कर दिए. 
दरअसल, मकान मृतक बालकिशन की बहन के नाम था और पत्नी को यह आशंका थी कि पति का अंतिम संस्कार होने के बाद उसे घर से निकाल बाहर न कर दिया जाए.यह परिवार पानीपत के गीतिका विहार में रहता है. पति की मौत सिर्फ 37 साल में हार्ट अटैक के कारण हो गई. गीतिका विहार के यह मकान बालकिशन के बहन के नाम से था. बहन शादी के अपने ससुराल में रह रही है.



हालांकि मकान अभी भी पति के बहन के नाम ही था. ऐसे में मृतक की पत्नी को लगा कि पति की मौत हो गई है और कहीं अंतिम संस्कार के बाद उसकी ननद उसे घर से बाहर ना निकाल दे. यही वजह है कि उसने परिजनों के सामने घर अपने नाम कराने की शर्त रख दी. परिजनों ने शव को अगले दिन तक सुरक्षित रखने के लिए फ्रिजर मंगवा लिया ताकि अगले दिन तक उसे सुरक्षित रखा जा सके.
बीते मंगलवार की सुबह जब शव को फ्रिजर से बाहर निकालकर श्मशान लेने जाने की तैयारी होने लगी तब पत्नी व उसके परिजनों ने ससुराल पक्ष के सामने मकान का जिक्र छेड़ दिया. पहले तो संस्कार के बाद हिस्से की बात करने को लेकर टालते रहे. पत्नी के मायके पक्ष ने इस बात पर जोर देना शुरू किया कि संस्कार से पहले मकान उनकी बेटी के नाम कर दी जाए. पड़ोसियों के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्ष मकान के कागजात तैयार करवाने के लिए तहसील कार्यालय पहुंचे और मकान पत्नी के नाम कर दिया.
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पिता की मौत के बाद मां ने मेहनत करके बेटी को पाला, 21 साल उम्र में बन गई डिप्टी कलेक्टर


मेहनत कभी विफल नहीं होती..आज नहीं तो कल मेहनत का फल आपको जरूर मिलेगा। अगर मन में सच्ची लगन और मेहनत का दम हो तो कोई आपको सफल होने से रोक नहीं सकेगा। इसी कहावत को यही साबित किया मध्यप्रदेश की एक होनहार बेटी निकिता ने। खरगौन शहर के कुंदा नगर में रहने वाली निकिता ने पहले ही प्रयास में पीएससी की परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं। पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, निकिता ने एसटी वर्ग में एमपी में टॉप किया और प्रदेश में ओवर ऑल 23 रैंक हासिल की।
भगवानपुरा ब्लॉक के सुखपुरी में मंडलोई का परिवार हैं। निकिता के पिता मंगलसिंह टीचर थे और उन्होंने बेटी को डिप्टी कलेक्टर या कलेक्टर बनाने का सपना देखा था। कुछ सालों पूर्व कुंदा नगर में मकान बनाकर यही बस गए। सात वर्ष पूर्व पिता का देहांत हो गया। जिसके चलते तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी मां राधा मंडलोई के कंधों पर आ गई। सिर से पिता का साया उठने के बाद भी निकिता ने हिम्मत नहीं हारी और अच्छे तरह पढ़ाई कर पिता का सपना पूरा किया। अपनी बेटी की इस सफलता पर परिवार के हर सदस्य खुशी से गदगद हैं। निकिता की प्रारंभिक पढ़ाई शहर के विद्यालय में हुई। इसके बाद उसने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से बायो मेकेनिकल में इंजीनिरिंग की।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उसका चयन प्राइवेट कंपनी द्वारा किया गया। जिसके द्वारा लाखों के पैकेज पर विदेश में नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन निकिता ने इस ऑफर को छोड़ दिया और पीएससी की तैयारी में जुट गई। बकौल, निकिता ढाई साल की मेहनत में परीक्षा पास कर ली। निकिता ने अपने संदेश में कहा कि पढ़ाई के दौरान लक्ष्य तय उसे हासिल करने की जिद हर विद्यार्थी में होना चाहिए। जिससे मुश्किल से मुश्किल समय मेंं भी आप सफल होंगे।
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मोबाइल टावरों की संख्या बढने से मानव जीवन में बड रहा खतरा, सुविधाओं के साथ साथ मिल रही मुफ़्त में बिमारी।


गांव मे जैसे-जैसे विकास होता जा रहा है लोगों के लिए  खतरों के रूप में नई नई सुविधाएं उपलब्ध होती जा रही है। शहरीकरण के साथ साथ गांव  में मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रत्येक मोबाइल कंपनियां अपनी बेहतर सुविधा देने के लिए गांव की तरफ रुख कर रही है। लेकिन इन सुविधाओं के साथ साथ नुकसान भी मुफ्त में मिल रहा है। मतलब मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन का खतरा झेलना पड़ सकता है। किसी समय में विकास खंड  कुनिहार की आने वाली पंचायतों  के अन्तर्गत क्षेत्रों में 1-2 कम्पनीयों के  ही टावर हुआ करता थे।  परंतु बेहतर सुविधा देने के चक्कर में  क्षेत्रों  में अलग-अलग कंपनियों के लगभग 18-20 मोबाइल टावर खड़े हो गए हैं। जिसमें कुनिहार, ममलीग, सारडा, मान, डुमेहर,चंडी भुमती अर्की क्षेत्र शामिल है।  

विकास खंड कुनिहार के अन्तर्गत 45 पंचायतों में कुल जनसंख्या लगभग 1,13,859 है  जिसमें से लगभग 45 हजार लोग मोबाइल उपभोक्ता है और उनकी संख्या बढ़ती जा रही है।  मोबाइल टावर से रोजाना हजारों इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है यह रेडिएशन लोगों को दिखाई नहीं देता।  परंतु यह रेडिएशन मानसिक व शारीरिक से कमजोर जो बना बना देती है।  इससे होने वाले दुष्परिणाम धीरे-धीरे सामने आते हैं  क्योंकि मोबाइल टावर कंपनियां अपनी बेहतर सुविधा देने के लिए टावर रेडिएशन के मानक को  संतुलन में नहीं रखते परन्तु  उस का लेवल बढ़ा देते है लोगों को सुविधा तो अच्छी मिल जाती है परंतु अगर कोई व्यक्ति 1 घंटे से ज्यादा बात कर ले तो उसे  ब्रेन कैंसर होने का खतरा उतना ही बढ़ जाता है।  सबसे ज्यादा प्रभाव मोबाइल टावर के आसपास निवास करने वाले लोगों पर होता है क्योंकि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन मानव शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है इससे बचने के लिए टावर से लगभग 400 मीटर की दूरी पर निवास होना चाहिए।  परंतु कुनिहार क्षेत्र में ऐसे भी टावर है जिनके ठीक नीचे बहुत से परिवार बसर करते हैं।  जो कि रेडिशन के संपर्क में सबसे पहले आते हैं


मानक से अधिक रेडिएशन



रेडिएशन के खतरे से बचने के लिए मोबाइल टावर के रेडिएशन का आदर्श मान 01 मिली वार्ड प्रति वर्ग मीटर माना गया है कुनिहार क्षेत्र में सिर्फ बीएसएनल के टावर का रेडिशन मान ही उचित है जबकि बाकी निजी कंपनी के मोबाइल टावर का रेडिएशन मानक काफी अधिक है मोबाइल कंपनी अधिक से अधिक दूर तक कवरेज करने के लिए  उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए टावर के मानक स्तर को बढ़ा देती है।  परंतु उसके आसपास बसर कर रहे लोगों के लिए वह रेडिएशन बहुत ही हानिकारक है। 











इसी विषय बारे जब जीटीओ कुनिहार हेमंत कुमार  से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अधिक रेडिएशन लेवल हानिकारक है बीएसएनएल के टावर  रेडिशन की जांच हम समय-समय पर  करते हैं। और इसके रेडिएशन लेवल को हम सामान्य रखते  है उन्होंने बताया कि  बीएसएनएल के आला अधिकारी मोबाइल टावरों का निरीक्षण भी करते  अगर रेडिएशन लेवल ज्यादा पाया जाए तो जुर्माना भी भुगतान पड सकता है उन्होंने  कहा कि निजी कंपनी के टावर में मानक  की जानकारी नहीं है

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स्वैप मशीनों के जरिए कुनिहार में बड रहा है कैशलेस ट्रांजैक्शन का प्रचलन।





नोटबंदी के बाद देश में जिस कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की मुहिम चली है उस दिशा में कुनिहार भी अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है नोटबंदी के पहले कुनिहार के कुछ गिने-चुने दुकानों  मैं ही स्वैप मशीन की व्यवस्था थी। जिसका उपयोग भी बहुत कम लोग किया करते थे।  पर नोटबंदी के बाद दुकानदारों को हुई परेशानी ने न सिर्फ स्वैप मशीन की जरूरत को बढ़ावा दिया है बल्कि इस मशीन की उपयोगिता दुकानदारों के साथ  ग्राहकों को भी आकर्षित करने लगी  है। 
अब स्वैप  मशीन से लोग खरीदारी कर रहे हैं कुनिहार में इस समय कई बैंकों की शाखाएं काम कर रही हैं जिनके अनुसार से मशीनों के आवेदन काफी मात्रा में आ रहे हैं अब केवल पेट्रोल ही नहीं बल्कि कपड़े और दैनिक जरूरतों का सामान भी एटीएम से खरीद सकते हैं यानी की खरीददारी चाहे किसी भी चीज की करो भुगतान आपको एटीएम से हो जाएगा।  नोटबंदी के बाद सूने पड़े बाजार  में सवैप मशीन के प्रचलन से बाजार में  रौनक बढ़ा दी है 
हालांकि अभी एटीएम से भुगतान की सुविधा  कुनिहार में लगभग 30% दुकानदारों के पास है अब अधिकांश बैंक ग्राहकों के चालू खाते से स्वैप मशीन उपलब्ध करा रहे हैं।  यह स्वयं मशीन चालू खाते पर फर्म के नाम पर ही जारी की जा रही है। अधिकांश राष्ट्रीयकृत बैंक अपने उपभोक्ताओं को यह  स्वैप  मशीन उपलब्ध का रही है। कपड़े की दुकान हो, आभूषण की या फिर दवा की दुकान बड़े-बड़े जनरल स्टोर पर यह मशीनें पहुंच गई है। 
यहां से आप अपनी दुकानों से जुड़कर समान खरीद सकते हैं और उसका भुगतान स्वैप मशीन  के जरिए एटीएम से कर सकते हैं।
नम्रता क्रिएशन  ने बताया कि अधिकांश ग्राहक कपड़े खरीदने के लिए एटीएम कार्ड का इस्तेमाल  करते हैं  और स्वैप मशीन से ही भुगतान करते हैं जिससे ग्राहक को भी कोई परेशानी नहीं होती और हमें भी बैंक में पैसे जमा करवाने के लिए नहीं जाना पड़ता है।


खुराना बर्तन भंडार हन्नी खुराना के अनुसार स्वैप मशीन के द्वारा  दूर  दराज से आए ग्राहकों को फायदा मिल रहा है उन्हें साथ पैसे नहीं लाने पड़ते और वे ए टी एम कार्ड  से ही बिल का भुगतान कर देते हैं।
इसी विषय  में जब व्यापार मंडल के प्रधान सुमित मितल से बात की तो उन्होंने बताया कि स्वैप मशीन का प्रचलन धीरे धीरे कुनिहार  शहर में भी प्रबल होता जा रहा है कुनिहार  के अधिकांश एटीएम मैं कैश  खत्म हो जाता है जिसके कारण ग्राहकों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।स्वैप मशीन होने के कारण ग्राहकों को सुविधा मिली है जिससे ग्राहक  छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी पेमेंट स्वैप मशीन द्वारा करवा सकते हैं  कुनिहार एक व्यापार की दृष्टि से व्यापारिक केंद्र बन चुका है जहां पर दुकानदारों के पास बहुत कम समय होता है कि वह बैंकों में जाकर कैश जमा करवाएं।  इसलिए स्वैप मशीनों का दुकानदारों के साथ साथ ग्राहकों को भी बहुत फायदेमंद है।
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सोलन के कुनिहार में निकली रहस्यमयी गुफा, रायकोट किला होने के संकेत।


















कुनिहार सोलन मुख्यमार्ग के जांडली गांव जो कुनिहार से महज 4 किलो मीटर की दुरी पर है वंहा सड़क से करीब 200 मीटर की ऊंचाई पर एक गुफा होने का राज सामने आया। बताया जा रहा है कि यह गुफा सोलन के राज वंश घराने से तालुक रखती है जैसे जैसे लोगो को इस गुफा के मिलने का  पता चल रहा है वैसे वैसे लोगो का आना भी शुरू हो गया  यहाँ पर पिछले कुछ ही दिनों से रह रहे महंत संत  प्रेमान्द महराज ने उक्त गुफा के रहस्यों से भरा होने की बात कही है  ।
जानकारी के अनुसार कसौली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जांडली गांव से मात्र लगभग एक किलोमीटर की दूरी पहाड़ी पर  कुछ दिन पूर्व अचानक इस गुफा के रहस्य लोगो के सामने आया जैसे जैसे यह रहने वाले महंत व  ग्रमीणों ने खुदाई शरू की वैसे वैसे इस गुफा का रास्ता  अलग अलग गलियारों के रूप में खुलता रहा । गुफा की गलियां इतनी सकरी थी कि वह अंदर तक जाना न् मुन्किन था  अभी भी इस गुफा का रहस्य खुलने के लिए खुदाई जारी है। यहाँ रहने वाले सन्त प्रेमामानंद महाराज ने बताया कि जिस पहाड़ी पर यह गुफा निकली है यह जिला सोलन के रायकोट किला है । इस रायकोट किला का जिक्र शिवमहापुराण में भी आता है ।


ठीक इस गुफा के ऊपर  यह रायकोट किला है बताया जा रहा है कि किले के साथ एक पानी का स्तोत्र भी है। परन्तु झाड़िया बड़ी होने की बजह से उस तक पहुचा नही जा सकता । अगर गुफा की बात कही तो इस गुफा  में जगह जगह उभार है ऐसा प्रतीत है कि जैसे यहाँ कभी पानी टपकता हो। 50 वर्षीय प्रेमानंद महाराज ने बताया कि  वे अपने गुरु श्री श्री पूर्णानंद एक हजार आठ के आदेश के अनुसार  2017 से  भ्रमण पर निकले व जिला सोलन के अर्की के शिव गुफा लुटरू महादेव में सर्वप्रथम आए थे वहां से जखोली हनुमान मंदिर  तथा वह से भ्रमण  करते हुए हनुमान मंदिर बन्ना बनिया देवी पहुँचे  । ततपश्चात वह जांडली गांव में पहुचे व किसी गामीण ने उक्त  स्थान का पता बताया महाराज ने बताया कि पहाड़ी पर खोज की तो इस गुफा का रहस्य सामने आया व यह गुफा शिव महापुराण से सम्बन्ध  रखती है।


उन्होंने बताया कि जैसे ही पहली च्चाटन हटाई गई वैसे ही शेष नाग के दर्शन हुए व शिलाओं में लुप्त हो गया। अभी गुफा को खोलने का काम गांव की मद्त से जारी है।स्थानीय ग्रामीणों में मदन कुमार अशोक कुमार नरेश कुमार श्याम लाल राम लाल राम गोपाल रामरतन विक्की आदि ने कहा कि उक्त स्थान पर कोई पुरातन गुफा होने का अनुमान जरूर था परन्तु जबसे महंत प्रेमानंद महराज आये तबसे आज तक उक्त गुफा को खोले जाने व श्रधालुओ के बैठने के लिए श्रमदान किया जा रहा है क्योकि जेसे जेसे जेसे गुफा का मिलने का रहस्य लोगो को मालुम पड रहा है वैसे वैसे लोग इसे देखने आ रहे हैं
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